Stock Market Mastery – Zero Se Hero Stock Market Fundamentals
लेखक: Haricharan Singh | www.haricharansingh.com
दुनिया तेज़ी से बदल रही है। आज जहां सड़कों पर पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ दिखाई देने लगी हैं, वहीं अब आसमान में भी इसका असर दिखने वाला है। अब वो दिन दूर नहीं जब हम हवाई जहाज़ भी इलेक्ट्रिक विमानों में बैठकर सफर करेंगे।
यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतरीन होगा, बल्कि शोर और खर्च दोनों में भारी कमी लाएगा। तो चलिए जानते हैं, आखिर इलेक्ट्रिक विमान क्या है, ये कैसे काम करता है, इसके फायदे और भविष्य में इसका क्या रोल रहेगा।
इलेक्ट्रिक विमान ऐसा हवाई जहाज़ होता है, जो पारंपरिक ईंधन (पेट्रोल, डीज़ल या एविएशन टर्बाइन फ्यूल) की बजाय इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी से चलता है। इसमें लिथियम-आयन बैटरी या किसी अन्य एडवांस बैटरी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।
इस विमान में कोई इंजन से धुआं नहीं निकलता और शोर भी बहुत कम होता है। ये पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है और हवाई सफर को सस्ता बनाने में मदद करेगा।
इलेक्ट्रिक विमान में हाई-पावर बैटरी से जुड़ी इलेक्ट्रिक मोटर होती है, जो विमान के प्रोपेलर या जेट को घुमाती है। जैसे कार में बैटरी से मोटर घूमती है, वैसे ही विमान में भी बैटरी से मोटर को पावर मिलता है।
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है, बैटरियों की क्षमता और वजन दोनों में सुधार आ रहा है। आने वाले समय में यही बैटरी लंबे समय तक विमान को आसमान में उड़ाने में सक्षम होंगी।
पेट्रोल-डीजल विमानों से जो धुआं निकलता है, वो ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ाता है। लेकिन इलेक्ट्रिक विमान से कोई कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) नहीं होता।
अभी हवाई जहाज़ का शोर दूर-दूर तक सुनाई देता है। इलेक्ट्रिक विमान का शोर बहुत कम होगा, जिससे शहरों और एयरपोर्ट के आसपास शांति बनी रहेगी।
पेट्रोल और डीजल की तुलना में इलेक्ट्रिक ऊर्जा सस्ती है। इससे हवाई सफर सस्ता और सभी के लिए सुलभ हो सकेगा।
इलेक्ट्रिक मोटर में इंजन की तरह कई पार्ट्स नहीं होते। इससे रखरखाव सस्ता और आसान होगा।
अभी कई देशों में इलेक्ट्रिक विमान पर काम हो रहा है। अमेरिका, यूरोप और चीन की कंपनियां इस दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं।
Eviation Alice नामक दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक कमर्शियल प्लेन तैयार हो चुका है। इसकी टेस्ट फ्लाइट भी सफल रही है। ये विमान 9 यात्रियों को 815 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ा सकता है।
इसी तरह Rolls-Royce Spirit of Innovation नामक इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट ने 623 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरकर रिकॉर्ड बनाया है।
भारत भी पीछे नहीं है। HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) और कुछ निजी कंपनियां इलेक्ट्रिक विमानों पर रिसर्च कर रही हैं। आने वाले 5-10 सालों में छोटे रूट और एयर टैक्सी के तौर पर इलेक्ट्रिक विमानों का उपयोग देश में भी होने लगेगा।
सरकार ने भी ग्रीन एविएशन पॉलिसी की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना हवाई सफर बढ़ाया जा सके।
अगले 10-20 सालों में बड़े-बड़े एयरलाइंस इलेक्ट्रिक विमान को अपनी फ्लीट में शामिल करेंगी। शुरू में छोटे प्लेन (10-20 यात्री क्षमता) और फिर धीरे-धीरे बड़े प्लेन भी इलेक्ट्रिक बन जाएंगे।
Urban Air Mobility (UAM) यानी एयर टैक्सी और ड्रोन टैक्सी का सपना भी इलेक्ट्रिक विमानों से पूरा होगा। इससे मेट्रो शहरों की ट्रैफिक समस्या भी कम होगी।
इलेक्ट्रिक विमान आज भले ही तकनीक की शुरुआत में हों, लेकिन भविष्य में आसमान की तस्वीर बदलने वाले हैं। ये ना सिर्फ हवाई यात्रा को सस्ता और आरामदायक बनाएंगे, बल्कि पर्यावरण की रक्षा भी करेंगे।
भारत और दुनिया के लिए ये एक शानदार मौका है, जहां भविष्य की उड़ानें बिना धुएं और शोर के भर सकेंगी। एक स्वच्छ, सुरक्षित और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में इलेक्ट्रिक विमान एक क्रांतिकारी कदम है।
तो तैयार हो जाइए, क्योंकि भविष्य में आपका अगला फ्लाइट टिकट किसी इलेक्ट्रिक विमान का भी हो सकता है!
लेखक: Haricharan Singh
वेबसाइट: www.haricharansingh.com
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